घरेलू गैस का दाम लगातार बढ़ने से बिगड़ा रसोई का बजट
सुल्तानपुर। सरकारी तेल कंपनियों की ओर से घरेलू गैस का दाम लगातार बढ़ाने से लोगों की मुश्किलें बढ़ गई हैं। एक बार फिर 25 रुपये की वृद्धि होने से रसोई गैस के एक सिलेंडर का दाम बढ़कर अब 922.50रुपये तक पहुंच गया है। सितंबर 2020 में घरेलू गैस सिलेंडर का दाम 649.50रुपये था। रसोई गैस का दाम साल भर में लगभग डेढ़ गुना बढ़ जाने से गृहस्थी का बजट बिगड़ गया है। ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाएं एक बार फिर से लकड़ी, कंडा के सहारे खाना पकाने को मजबूर हो गई हैं। गैस का दाम बढ़ने से महिलाएं खाना पकाने के लिए बाग से लकड़ी लाने लगी हैं। घरेलू गैस का दाम बढ़ने से महिलाएं सरकार को कोस रहीं हैं।
महंगाई के चलते नहीं हो पा रही रिफिलिंग–
करौंदी कलां ब्लॉक के सुंदरपुर गांव निवासी माधुरी पत्नी मखंचू ने बताया कि उनके पति ईंट भट्ठे पर काम करके किसी तरह परिवार चलाते हैं। इस बार हुई बरसात में कच्चा मकान भी गिर गया है। रुपये के अभाव मे गैस की रिफिलिंग नहीं हो पा रही है। माधुरी कहती है कि गैस का दाम बढ़ने से उनकी परेशानी बढ़ गई।परशुरामपुर गांव की विमला चूल्हे के सहारे खाना पका रही हैं।उन्होंने बताया कि महंगाई के कारण गैस का सिलेंडर लेना मुश्किल हो गया है। सरकार को गैस का दाम कम करना चाहिए। बौढिया बालमऊ गांव की मुरता देवी पत्नी राम लखन आर्थिक तंगी से परेशान हैं। वे कहती हैं कि गैस का दाम लगातार बढ़ता जा रहा है। इससे रिफिलिंग कराना मुश्किल हो गया है। मजबूरी में चूल्हे पर खाना पकाना पड़ रहा है। परशुरामपुर गांव निवासी छोटकी के पति बाढू पहले रिक्शा चलाते थे लेकिन अब वह भी बंद है।किसी तरह मजदूरी करके परिवार का पालन पोषण किया जा रहा है। वे कहती है कि गैस का दाम बढ़ने से लकड़ी, कंडा के सहारे खाना पकाया जा रहा है। जनपद के विकासखंड कुड़वार के भंडारा ग्राम सभा के पूरे कालू पाठक गांव की गृहणी पार्वती यादव, उर्मिला समेत कई महिलाओं का कहना है कि घरेलू गैस का दाम लगातार बढ़ने से रसोई का बजट बिगड़ गया है। सरकार को रसोई गैस के दाम पर सख्ती से नियंत्रण करने के लिए कदम उठाना चाहिए।सोहगौली गांव निवासी प्रेमा देवी ने बताया कि उन्हें उज्ज्वला योजना के तहत गैस का कनेक्शन मिला है। गैस का दाम अधिक होने से वे लकड़ी व कंडे से खाना पका रही हैं।
उज्ज्वला योजना के लाभार्थी नियमित नहीं करा पा रहे हैं रिफिल–
जिले में प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के तहत 1,87,742लोगों को कनेक्शन मिल चुका है। घरेलू गैस का दाम बढ़ने से प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के उपभोक्ता नियमित रूप से रिफिल नहीं ले रहे हैं। फेज-2 में इस योजना के तहत नया कनेक्शन लेने के लिए 15 सौ लोगों ने अभिलेख जमा किए हैं।
करौंदी कलां ब्लॉक के सुंदरपुर गांव निवासी माधुरी पत्नी मखंचू ने बताया कि उनके पति ईंट भट्ठे पर काम करके किसी तरह परिवार चलाते हैं। इस बार हुई बरसात में कच्चा मकान भी गिर गया है। रुपये के अभाव मे गैस की रिफिलिंग नहीं हो पा रही है। माधुरी कहती है कि गैस का दाम बढ़ने से उनकी परेशानी बढ़ गई।परशुरामपुर गांव की विमला चूल्हे के सहारे खाना पका रही हैं।उन्होंने बताया कि महंगाई के कारण गैस का सिलेंडर लेना मुश्किल हो गया है। सरकार को गैस का दाम कम करना चाहिए। बौढिया बालमऊ गांव की मुरता देवी पत्नी राम लखन आर्थिक तंगी से परेशान हैं। वे कहती हैं कि गैस का दाम लगातार बढ़ता जा रहा है। इससे रिफिलिंग कराना मुश्किल हो गया है। मजबूरी में चूल्हे पर खाना पकाना पड़ रहा है। परशुरामपुर गांव निवासी छोटकी के पति बाढू पहले रिक्शा चलाते थे लेकिन अब वह भी बंद है।किसी तरह मजदूरी करके परिवार का पालन पोषण किया जा रहा है। वे कहती है कि गैस का दाम बढ़ने से लकड़ी, कंडा के सहारे खाना पकाया जा रहा है। जनपद के विकासखंड कुड़वार के भंडारा ग्राम सभा के पूरे कालू पाठक गांव की गृहणी पार्वती यादव, उर्मिला समेत कई महिलाओं का कहना है कि घरेलू गैस का दाम लगातार बढ़ने से रसोई का बजट बिगड़ गया है। सरकार को रसोई गैस के दाम पर सख्ती से नियंत्रण करने के लिए कदम उठाना चाहिए।सोहगौली गांव निवासी प्रेमा देवी ने बताया कि उन्हें उज्ज्वला योजना के तहत गैस का कनेक्शन मिला है। गैस का दाम अधिक होने से वे लकड़ी व कंडे से खाना पका रही हैं।
उज्ज्वला योजना के लाभार्थी नियमित नहीं करा पा रहे हैं रिफिल–
जिले में प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के तहत 1,87,742लोगों को कनेक्शन मिल चुका है। घरेलू गैस का दाम बढ़ने से प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के उपभोक्ता नियमित रूप से रिफिल नहीं ले रहे हैं। फेज-2 में इस योजना के तहत नया कनेक्शन लेने के लिए 15 सौ लोगों ने अभिलेख जमा किए हैं।