ब्यूरो रिपोर्ट देहरादून: उत्तराखंड के नए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सत्ता की कमान संभालते ही शासन स्तर पर फेरबदल शुरू कर दिया है. एक बार फिर उत्तराखंड राज्य में नेतृत्व परिवर्तन होने के बाद अब चर्चाओं का बाजार गर्म है. उत्तराखंड में अगले साल ही विधानसभा चुनाव होने हैं. ऐसे में माना जा रहा कि उत्तराखंड समेत जिन राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं, वहां राजनीति शुरू हो गई है।
बता दें कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी दिल्ली दौरे पर हैं. वहीं आगामी उत्तराखंड विधानसभा चुनाव 2022 के लिए मुद्दों की राजनीति शुरू हो गई है. रविवार 11 जुलाई को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल चुनावी दौरे पर उत्तराखंड आ रहे हैं. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल उत्तराखंड में फ्री बिजली का मुद्दा उठाएंगे.
वहीं उत्तराखंड में मुफ्त बिजली पर सियासत गरमा गई है, जिसको लेकर आप कार्यकर्ताओं ने मुख्यमंत्री आवास कूच किया। आपको बता दें कि ऊर्जा मंत्री हरक सिंह रावत के मुफ्त बिजली देने के एलान को चुनाव स्टंट बताते हुए शनिवार को आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने मुख्यमंत्री आवास कूच किया।
इस दौरान पुलिस द्वारा प्रदर्शनकारियों को हाथीबड़कला पर बैरिकेडिंग लगाकर रोक दिया गया। जिसके बाद प्रदर्शनकारियों ने पुलिस से धक्का-मुक्की की और सरकार के विरोध में नारेबाजी की। इसके बाद पुलिस विरोध-प्रदर्शन कर रहे आप कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार कर ले गई।
दरअसल जनता को 300 यूनिट मुफ्त बिजली देने, और बढ़े हुए दामों को वापस लेने की मांग है। इस दौरान आम आदमी पार्टी ने कहा कि मुफ्त बिजली देने का भाजपा का सिर्फ चुनावी जुमला है। साढ़े चार साल के कार्यकाल में भाजपा सरकार ने जनहित में कोई काम नहीं किया। अब चुनाव को देखते हुए मुफ्त बिजली देने का एलान किया।
आप नेता रविंद्र जुगरान और प्रदेश प्रवक्ता नवीन पिरशाली ने कहा कि उत्तराखंड में मुफ्त बिजली के मुद्दे पर राज्य सरकार पर जमकर निशाना साधा है। मुफ्त बिजली देने पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के बयान के बाद साफ हो गया है कि सरकार प्रदेश की जनता के साथ छल कर रही है। आप नेताओं ने कहा कि चुनाव से पहले भाजपा जुमलेबाजी कर प्रदेश की जनता को गुमराह कर रही है। भाजपा प्रदेश में फ्री बिजली नहीं देना चाहती है। 100 यूनिट फ्री बिजली देने की ऊर्जा मंत्री ने घोषणा की है। जबकि अभी तक कैबिनेट में प्रस्ताव तक नहीं लाया गया।