देहरादून से शगुफता परवीन की रिपोर्ट: उत्तराखंड में इन दिनों फ्री बिजली के वादे, घोषणाएं और गारंटी की बातें सियासी फिजाओं में घूम रही है. हर दल फ्री का वादा कर जनता को लुभाने में लगा है, मगर क्या प्रदेश की जनता के लिए फ्री का सौदा कहीं भविष्य में महंगा साबित तो नहीं होगा.?
दरअसल ऊर्जा मंत्री हरक सिंह रावत के 100 यूनिट फ्री बिजली से 210 करोड़ का अतिरिक्त भार सरकार पर आएगा. 200 यूनिट तक 50% की सब्सिडी से करीब इतना ही और बोझ बढ़ेगा. यानी करीब 500 करोड़ तक का सालाना वित्तीय बोझ विभाग और सरकार को झेलना होगा.
दरअसल उत्तराखंड प्रदेश में करीब 13 लाख घरेलू बिजली उपभोक्ताओं को राहत देने के लिए 100 यूनिट फ्री बिजली का प्रस्ताव तैयार हो गया है। यह प्रस्ताव गुरुवार को ऊर्जा मंत्री के सामने रखा गया। उधर, मंत्री हरक सिंह रावत ने इस मामले में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से भी बातचीत की है। उन्होंने बताया कि जल्द ही प्रस्ताव कैबिनेट में रखा जाएगा।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की सरकार में ऊर्जा विभाग की जिम्मेदारी मिलने के बाद ऊर्जा मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत ने 100 यूनिट फ्री बिजली की घोषणा की थी। इसके तहत करीब सात लाख घरेलू उपभोक्ताओं को हर महीने 100 यूनिट के हिसाब से पूरी बिजली फ्री हो जाएगी, जबकि करीब छह लाख घरेलू उपभोक्ताओं को 200 यूनिट बिल में से 100 यूनिट बिजली फ्री कर दी जाएगी।
ऊर्जा मंत्री हरक सिंह रावत ने कहा कि इस योजना को लेकर उनकी मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से बातचीत हो चुकी है। गुरुवार को उनके पास प्रस्ताव आया है, जिससे उत्तराखंड पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड (यूपीसीएल) पर करीब 400 करोड़ सालाना का अतिरिक्त भार पड़ रहा है।
उन्होंने कहा कि हम बिजली फ्री देने के साथ ही बचत के भी इंतजाम कर रहे हैं, जिससे निश्चित तौर पर यह योजना सफल होगी। जल्द ही यह प्रस्ताव कैबिनेट में रखा जाएगा। जिस पर कैबिनेट अंतिम निर्णय लेगी।