भगवानपुर क्षेत्र के कई सेंटरों पर बाल विकास परियोजना के तहत आने वाले आंगनवाड़ी सेंटर पर एक टीम द्वारा प्रमुखता से खबर की गई थी। जब टीम गांव-गांव जाकर आंगनवाड़ी सेंटरों पर गई तो पाया गया कि हर सेंटरों पर हर चीज में काफी मात्रा कम पाई गई। किशमिश जैसी पोष्टिक आहार पर जो लाभार्थियों और गर्भवती महिलाओं को दिया जाता है उसमें 20 ग्राम 18 ग्राम 25 ग्राम तक की कमी पाई गई।
इस पर साहिका से पूछने के बाद आंगनवाड़ी सहायिका का कहना था कि हमें यह समान जो मिलता है। ठेकेदार के यहां से आता है। जब हमने इस पर ठेकेदार से संपर्क साधा तो ठेकेदार का साफ तौर पर कहना था कि सीडीपीओ से बात कर लीजिए, मेरे समान में कोई भी कमी नहीं है, लेकिन हमने दिखाया कि तराजू का जो तोल है, वह किसी और जगह इशारा कर रहा था।
इस पर भी दोबारा ठेकेदार को संपर्क साधकर और उससे पूछा जब भी ठेकेदार अपनी मनमानी पर अड़ा रहा। कहा कि हमारा सामान बिल्कुल सही है और नाप तोल की मात्रा बिल्कुल सही है, लेकिन बाद में जब हमने सीडीपीओ ज्ञानेंद्र सिंह से बात की तो वह भी बात करने और मिलने से भी बचते नजर आए।
ज्ञानेंद्र सिंह सीडीपीओ का कहना है की जांच कमेटी बिठा दी गई है. सुपरवाइजर द्वारा जांच चल रही है, लेकिन गुप्त सूत्रों से मिली सूचना मेें यह सामने आया कि जांच में जब आंगनवाड़ी सहायिका के यहां सुपरवाइजर पहुंचे तो उल्टा ही आंगनवाड़ी की सहायिका को धमकाकर बोला कि अब आपको काफी परेशान होना पड़ेगा।
सुपरवाइजर द्वारा इन लोगों के खिलाफ मुहिम लगातार जारी रखेगा। जब तक दूध का दूध और पानी का पानी नहीं हो जाता, अगर लाभार्थियों और गर्भवती महिलाओं के साथ पोषाहार में इस तरह की कमियां पाई जाएंगी तो फिर मोदी प्लान एवं मोदी मेगा प्लान जो है वह अच्छे-अच्छे कार्य मोदी सरकार द्वारा किए जा रहे हैं, लेकिन भ्रष्ट तंत्र के चलते हुए हमेशा नीचे के लोगों को ही दबा दिया जाता है।
इस मामले में अब दिनेश पहलवान जो राष्ट्रीय अध्यक्ष मज़दूर कांग्रेस कमेटी के हैं वह भी खुलकर सामने आए हैं। उनका साफ तौर पर यह कहना है कि यह करोड़ों रुपए का घोटाला है। अगर आप एक सेंटर की बात करें या पूरे ब्लॉक की बात करें। उन्होंने कहा कि जिला हरिद्वार की बात करें तो यह घोटाला कम से कम करोड़ों रुपए का घोटाला पाया जाएगा।
इसके लिए दिनेश पहलवान एवं राष्ट्रीय मज़दूर कांग्रेस कमेटी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि प्रोटोकॉल के तहत अब मुख्यमंत्री जो खटीमा के विधायक भी हैं और सूबे के मुखिया भी हैं उनसे पर्सनली मिलकर मामले की मंत्रालय से ही जांच कराई जाएगी। उन्होंने कहा कि जो भी भ्रष्ट अधिकारी पाया जाएगा उसके खिलाफ उचित और दंडात्मक कार्रवाई के लिए भी यह मुख्यमंत्री से अपील करेंगे।