देहरादून से शगुफता परवीन की रिपोर्ट: पुष्कर सिंह धामी को मुख्यमंत्री बनाए जाने के भाजपा के फैसले से भाजपा में भूचाल की स्थिति है। हालात यह है कई वरिष्ठ नेता बेहद नाराज हैं। उत्तराखंड के 11वें मुख्यमंत्री के रूप में रविवार शाम शपथ ग्रहण करने से पहले पुष्कर सिंह धामी ने राज्य के पूर्व मुख्यमंत्रियों से सुबह शिष्टाचार भेंट की। यहां एक आधिकारिक विज्ञप्ति में बताया गया कि धामी ने पूर्व मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत से भागीरथीपुरम में स्थित उनके आवास पर मुलाकात की।
उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत से भी डिफेंस कॉलोनी स्थित आवास पर मुलाकात की। धामी शाम को राजभवन में मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे।नाराजगी इस बात को लेकर है कि आखिरकार पार्टी आलाकमान ऐसा फैसला कैसे कर सकती है कि तमाम सीनियर देखते रह जाएं और केवल 2 बार के विधायक को मुख्यमंत्री की कुर्सी सौंप दी जाए।
साफ है बीजेपी के एक्सपेरिमेंट के तौर पर यह फैसला ठीक हो सकता है और पार्टी कार्यकर्ताओं के लिए भी जो पुष्कर सिंह धामी को जानते हैं लेकिन पुष्कर सिंह धामी से विधानसभा और राजनीति में सीनियर तमाम विधायक और मंत्री इसलिए भी नाराज हैं कि ना तो पार्टी ने उनसे पूछने तक की जहमत समझी
अब अपने से राजनीति में जूनियर की सरपरस्ती में मंत्रिमंडल में वह कैसे काम करेंगे कहा जा रहा है कई सीनियर मंत्री आलाकमान के फैसले से भयंकर नाराज हैं। नाराज नेताओं में मंत्री हरक सिंह रावत मंत्री सतपाल महाराज मंत्री यशपाल आर्य मंत्री बिशन सिंह चुफाल के नाम तो सामने हैं।
इनके अलावा कई सीनियर विधायक भी भयंकर नाराज नजर आ रहे हैं। सूत्र बताते हैं कि अगर नाराजगी इसी तरीके से बनी रहे तो आज शाम 5:00 बजे राजभवन में होने वाले शपथ ग्रहण समारोह में कई सीनियर मंत्री शपथ लेने नहीं जाएंगे और अगर इतनी नाराजगी के बाद भी शपथ लेने चले गए तो फिर उनकी राजनीति के क्या हाल होंगे। वह आप भी समझ सकते हैं।
हालांकि बीजेपी ने डैमेज कंट्रोल करना शुरू तो कर दिया है। बताया जा रहा है कि मंत्री सतपाल महाराज को राजनाथ सिंह ने फोन कर उन्हें समझाने की कोशिश की, लेकिन सतपाल महाराज कितना समझ पाए होंगे। यह तो आने वाला वक्त बताएगा लेकिन उनकी नाराजगी सातवें आसमान पर है। ऐसा ही हालात मंत्री हरक सिंह यशपाल आर्य और विशन सिंह चुफाल के लिए सवाल यह भी है क्या इन तमाम फैसलों से बीजेपी ने यह साफ कर दिया है कि कांग्रेस से बीजेपी में आए तमाम नेताओं के लिए उनके यहां सीएम की वैकेंसी कभी खाली नहीं होगी।
अगर ऐसा हुआ तो चुनाव से पहले भाजपा तैयार रहे एक बड़ा विरोध भाजपा के अंदर हो सकता है जो भाजपा के लिए परेशानी का सबब बन सकता है अब देखना दिलचस्प होगा की इन तमाम नेताओं की नाराजगी को क्या आलाकमान कम करने की कोशिश करेगा या फिर यह तमाम नेताओं को फिर अपने लिए कोई दूसरा रास्ता ढूंढना होगा।
उधमसिंह नगर जिले के खटीमा से दो बार के विधायक 45 वर्षीय पुष्कर सिंह धामी उत्तराखंड के अब तक के सबसे युवा मुख्यमंत्री होंगे। वह रावत की जगह लेंगे जिन्होंने चार महीने से भी कम के अपने कार्यकाल के बाद प्रदेश में संवैधानिक संकट का हवाला देते हुए शुक्रवार देर रात पद से इस्तीफा दे दिया था।