मसूरी से वरिष्ठ संवाददाता सतीश कुमार की रिपोर्ट: शिफन कोर्ट से बेघर किए गये मजदूरों ने निर्णय लिया है कि आगामी 24 अगस्त को घर से बेघर करने की बरसी के दिन शहीद स्थल पर उपवास रखा जायेगा। उनका कहना है कि आज तक उनको आवास नहीं दिया गया।
लंढौर ओक्स रोड स्थित एक होटल में शिफन कोर्ट से बेघर हुए मज़दरों ने शिफन कोर्ट आवासहीन निर्बल मजदूर वर्ग एवं अनुसूचित जाति संघर्ष समिति ने बैठक की।
बैठक की अध्यक्षता मजदूर नेता व पूर्व सभासद देवी गोदियाल ने की। जिसमें कहा गया कि सिफन कोर्ट से रोपवे को लेकर उन्हें बेघर किया गया था, लेकिन आज न तो पालिका और न ही विधायक ने उन्हें विस्थापित किया, जबकि उन्होंने सभी को आवास उपलब्ध कराने की बात कही थी। लेकिन आज तक कुछ नहीं किया जिस पर 24 अगस्त को एक दिवसीय उपवास करने का निर्णय लिया है।
इस संबंध में अनुज शाह ने कहा कि वर्ष 2020 में 24 अगस्त को उनके सभी परिवारों को शिफन कोर्ट से बेघर कर दिया गया था, लेकिन आज तक उन्हें विस्थापित नहीं किया गया। जिनकों आवास दिए गये वहां कोई भी सुविधा नहीं है न बिजली न पानी और न शौचालय है।
वहीं विधायक गणेश जोशी ने 18 दिन में आवास बना कर देने का भरोसा दिया था लेकिन आज तक कोई आवास बना कर नही दिया। इस मौके पर पीड़ित संजय टम्टा ने कहा कि सिफन कोर्ट से बेघर किए जाने के बाद से आज तक किसी ने सुध नहीं ली न सरकार ने ध्यान दिया न स्थानीय जन प्रतिनिधियों ने मदद की। आज भी परिवार दर दर की ठोकरें खा रहे हैं।
एक साल बीत जाने पर भी कोई ध्यान नहीं दिया जबकि कोरोना काल चल रहा था। विधायक ने भी धोखा दिया। पीड़ित सुमित्रा कंडारी ने कहा कि एक साल तक इंतजार करने के बाद भी कुछ नहीं हुआ। विधायक के पास जाते हैं तो कहते है पालिकाध्यक्ष के पास जाओ पालिकाध्यक्ष के पास जाते है तो कहते है कि विधायक के पास जाओ।
आज भी उनके परिवार रोड पर खड़े हैं। अगर वह अवैध थे तो जब उन्होंने मकान बनाये तो उस समय क्यो नहीं रोका, उन्होंने अपनी कड़ी मेहनत की कमाई लगा कर मकान बनाया था। सुधा शाह ने कहा कि किसको कहें। पहले बहन का रिश्ता बनाया बाद में बेघर कर दिया। किस पर भरोसा करें।
बैठक में मौजूद पालिका सभासद प्रताप पंवार ने कहा कि 24 अगस्त को शिफन कोर्ट के बेघरों के उपवास को वह पूरा समर्थन देंगे क्यो कि उनके साथ छल हुआ है, उसमें नगर पालिका व विधायक शामिल हैं उन्होंने उनके साथ अन्याय किया। सभासद दर्शन रावत ने कहा कि रोपवे बननी चाहिए लेकिन जिन लोगों को बेघर किया गया उनको विस्थापित करना चाहिए था।
पालिका व विधायक ने उनके साथ धोखा किया है और एक साल के बाद भी वे दर दर की ठोकरें खाने को मजबूर है। उनके 24 अगस्त के उपवास में पूरा सहयोग किया जायेगा व उनकी लड़ाई को अंत तक लडा जायेगा।
इस मौके पर आरपी बडोनी, असलम,जगत लाल, राजेंद्र सेमवाल, दयाल सिंह, लखी लाल, दिनेश, प्रमोद लाल, विजय कुमार, मुकेश लाल, मंजू, रमेश लाल, जयबीर सिंह, सोहन लाल, भूपेंद्र कैंतुरा, धन सिंह, भोंपाल सिंह, मदन, रजनी देवी, कृष्णा देवी, बृजमोहन, चंद्रमोहन सहित सिफन कोर्ट के बेघर मौजूद रहे।