पिथौरागढ़ से दीपक जोशी की रिपोर्ट: पूरा देश जहां ओलंपिक गोल्ड मेडल की खुशी में झूम रहा है। वहीं उत्तराखंड के लिए दुखःद खबर आई है। उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले का लाल देश की रक्षा करते-करते देश के लिए शहीद हो गया। असम में उग्रवादियों से लोहा लेते हुए भारतीय सेना का एक जवान शहीद हो गया है. शहीद जवान संजय चंद दो कुमाऊं रेजीमेंट में तैनात थे. संजय की शहादत की खबर से परिवार समेत गांव में कोहराम मचा हुआ है.
आपको बता दें कि पिथौरागढ़ जिले के बढ़ावे कोली गांव का निवासी संजय की शहीद होने का दुखद समाचार मिला। जिससे पूरे गांव में कोहराम मच गया। बता दें कि, मूनाकोट ब्लॉक के तोली गांव निवासी सेना का जवान संजय चंद असम में उग्रवादियों से लोहा लेते हुए शहीद हो गए हैं. संजय चंद (32) पुत्र भरत चंद असम के निनसुकिया बॉर्डर पर उग्रवादियों से हुए संघर्ष में गोली लगने से शहीद हो गए. सूचना मिलने के बाद शहीद की मां और पत्नी का रो-रोकर बुरा हाल है.
संजय के पिता का कहना है कि उनको बेटे की शहादत की खबर सेना के अधिकारियों के द्वारा फोन में दी गई. उन्होंने कहा कि कुछ दिन पहले ही संजय छुट्टियां मना कर असम गए थे. अब उनकी शहादत की खबर आई है. जिससे पूरे परिवार को बड़ा सदमा लगा है. पति की शहादत की खबर सुनकर उनकी पत्नी भी सदमे में है.
आपको बता दें कि संजय के पिता ने कहा कि उन्हें अपने बेटे की शहादत पर गर्व है. लेकिन दिल में बेटे को खोने का दर्द भी है. जैसे ही पिथौरागढ़ वासियों को संजय की शहादत की खबर मिली है। उसके बाद से शहीद के घर पर लोगों का जमावड़ा लगना शुरू हो गया है. शहीद संजय के पिता ने बताया कि उनका बेटा 2008 में सेना में भर्ती हुआ था. जिसके बाद से ही वह देश के विभिन्न राज्यों में देश की सेवा करने के बाद अब असम में तैनात था.
गौर हो कि संजय का 2010 में विवाह हुआ था. उनकी एक बेटी और एक बेटा है. पिथौरागढ़ की विधायक चंद्रा पंत ने गहरा दुख व्यक्त करते हुए दुखी परिवार को ढाढस बताते हुए कहा है कि हम सब इस दुख की घड़ी में शहीद संजय चंद के परिवार के साथ खड़े हैं।