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खाली हाथ लौटे प्रीतम सिंह! प्रदेश अध्यक्ष पद, नेता प्रतिपक्ष के नाम को लेकर संशय बरकरार

ब्यूरो रिपोर्ट देहरादून: उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव से पहले सीएम का चेहरा घोषित करने की चर्चाओं को खारिज करते हुए कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने कहा कि चुनाव सामुहिक नेतृत्व में ही लड़ा जाएगा। जब कांग्रेस जीतकर आएगी तब हाईकमान तय करेगा कि कौन मुख्यमंत्री बनेगा और कौन मंत्री।

नेता प्रतिपक्ष इंदिरा ह़्दयेश के निधन के एक महीने बाद भी नए नेता प्रतिपक्ष के चयन पर कुछ नहीं हो पाया है। प्रदेश अध्यक्ष के पद को लेकर भी पार्टी के भीतर असहज स्थितियां बन रही हैं। इसलिए जल्द से जल्द इस पर निर्णय ले लिया जाना चाहिए। इसका आगामी विधानसभा चुनाव में सकारात्मक असर नजर आएगा।

दरअसल कांग्रेस में प्रदेश अध्यक्ष पद और नेता प्रतिपक्ष के नाम को लेकर संशय बरकरार है। पार्टी हाईकमान के साथ दूसरे दिन भी चली बैठकों के दौर के बाद भी नतीजा नहीं निकल पाया है। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष मंगलवार को खाली हाथ लौट आए हैं।

इससे पहले सोमवार को प्रदेश के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी और पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव संगठन वेणुगोपाल से मिले थे। मंगलवार को राहुल गांधी ने समन्वय समिति के सदस्यों और विभिन्न पदों के दावेदारों से वन टू वन और फिर ग्रुप में बात की। प्रीतम सिंह और हरीश रावत को राहुल ने अलग-अलग समय दिया।

दोनों नेताओं की बात सुनने के बाद वे अन्य नेताओं से मिले। जिसमें प्रदीप टम्टा, किशोर उपाध्याय, काजी निजामुद्दीन, प्रकाश जोशी, गणेश गोदियाल और करण माहरा शामिल थे। बताया जा रहा है अब सभी नेताओं ने अपने मन की बात राहुल गांधी को बता दी है। वह जल्दी ही पार्टी के अन्य नेताओं से सलाह करने के बाद उत्तराखंड के मुद्दे पर निर्णय लेंगे।

इधर, दिल्ली से लौटे प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने फोन पर बताया कि सभी ने अपनी बात पार्टी हाईकमान के समक्ष रख दी है। उम्मीद है हाईकमान की ओर से इस मुद्दे पर शीघ्र निर्णय लिया जाएगा।

हरीश रावत से इस मुद्दे पर बात करने की कोशिश की गई, लेकिन उनका फोन नहीं उठा। बहरहाल, अब सभी की निगाहें दिल्ली पर लगी हैं। इन दोनों पदों पर नामों की घोषणा के बाद ही सही मायने पार्टी की विस चुनाव 2022 की रणनीति आगे बढ़ पाएगी।

दरअसल कुछ महीने बाद राज्य में विधानसभा चुनाव होने वाला है। ऐसे में बीजेपी उत्तराखंड को प्रतिनिधित्व देकर पहाड़ की जनता को साधने की कोशिश कर सकती है। बीते दिनों उत्तराखंड में महज 4 महीने के भीतर दो बार नेतृत्व परिवर्तन हुआ। मार्च में पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत से अचानक इस्तीफा ले लिया गया। उनकी जगह तीरथ सिंह रावत सीएम बनाए गए। अब तीरथ की जगह पुष्कर सिंह धामी को कमान सौंपी गई है।

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