ब्यूरो रिपोर्ट देहरादून: उत्तराखंड से बड़ी ख़बर सामने आई है जहां उत्तराखंड के कर्मचारियों ने पत्र चस्पा कर हड़ताल का ऐलान कर दिया है। उत्तराखंड में ऊर्जा निगमों के कर्मचारियों ने 26 जुलाई रात 12 बजे से हड़ताल का ऐलान कर दिया है. यही नहीं आम लोगों को भी कर्मचारियों ने टॉर्च और मोमबत्ती की उचित व्यवस्था करने की सलाह दी है.
पुरानी पेंशन व्यवस्था की बहाली ,ग्रेडपे एसीपी, संविदा कर्मचारियों की स्थाई नियुक्ति जैसी मांगों को लेकर उत्तराखंड विद्युत अधिकारी कर्मचारी संयुक्त मोर्चा ने 26 जुलाई से दो दिवसीय धरना प्रदर्शन करने का ऐलान किया है।
तो वहीं दूसरी ओर हड़ताल से ठीक 24 घंटे पहले ऊर्जा मंत्री हरक सिंह रावत ने कर्मचारियों को दो टूक चेतावनी दे डाली है. जिसके बाद हड़ताल को लेकर अब स्थितियां ज्यादा खराब होने की आशंका है. सोमवार को ऊर्जा मंत्री हरक सिंह रावत ने ऊर्जा सचिव सौजन्य को कर्मचारियों से बात करने के निर्देश दिये हैं. इससे पहले ही कर्मचारियों के रवैए से जाहिर है कि वे हड़ताल करके रहेंगे.
ऊर्जा मंत्री हरक सिंह रावत ने कहा कर्मचारियों की जायज मांगें मानी जाएंगी, उन्होंने कहा मुझे अभी मंत्रालय में केवल 10 दिन हुए हैं, ऐसे में कर्मचारी यदि सरकार पर केवल दबाव बनाने की राजनीति करना चाहते हैं तो मैं इससे इत्तेफाक नहीं रखता.
ऊर्जा कर्मचारियों ने आज आम लोगों के लिए एक पत्र जारी किया. जिसमें उन्होंने लोगों से जरूरी व्यवस्थाएं करने की बात कहते हुए घर में मोमबत्ती और टॉर्च की व्यवस्था करने की सलाह दी है. कर्मचारियों के इस पत्र से साफ है कि आने वाले 24 घंटे में कर्मचारी हड़ताल करने का पूरा मूड बना चुके हैं.
हरक सिंह रावत ने तीखे स्वर में कहा कर्मचारी इस मामले में नेतागिरी न करें. हरक सिंह रावत ने कहा कर्मचारियों को उनसे बात करनी चाहिए. बात करने के बाद ही किसी भी मुद्दे का हल निकल सकता है. कर्मचारियों की हड़ताल से 24 घंटे पहले हरक सिंह रावत के इस बयान से कर्मचारियों में भी हड़कंप मच गया है.
विद्युत अधिकारी कर्मचारी संघर्ष मोर्चा के संयोजक इंसारूल हक ने मंत्री हरक सिंह रावत के इस बयान पर तीखी बयानबाजी करने के बजाए अपनी जायज मांगों को मनवाने पर अडिग दिखाई दिए. उन्होंने कहा उनकी मांगें सालों पुरानी हैं. कुछ मांगें प्रबंधन स्तर पर पूरी होनी हैं. ऐसे में उनकी तरफ से पहले ही तमाम मांगों पर हर स्तर से चर्चा की गई है. लिहाजा उत्तराखंड के योद्धा हरक सिंह रावत को इन मांगों को मानने की तरफ ध्यान देना चाहिए.
अपनी विभिन्न मांगों को लेकर ऊर्जा निगम कर्मचारियों ने 26 जुलाई के मध्य रात्रि से हड़ताल पर जाने का निर्णय लिया है. इसके लिए बाकायदा उत्तराखंड विद्युत अधिकारी कर्मचारी संयुक्त संघर्ष मोर्चा की ओर से लोगों को अपील भी जारी कर दी गई है कि 26- 27 जुलाई की मध्य रात्रि से होने वाली हड़ताल के मद्देनजर मोबाइल फोन चार्जिंग, टॉर्च आदि की व्यवस्था कर लें. ताकि विद्युत बाधित होने की सूरत में किसी को अप्रिय घटना का सामना ना करना पड़े.
अपनी मांगों को लेकर उत्तराखंड विद्युत अधिकारी कर्मचारी संयुक्त संघर्ष मोर्चा के तत्वाधान में पदाधिकारियों की बैठक आयोजित की गई. बैठक में मोर्चा के प्रतिनिधियों के साथ ऑल इंडिया पावर इंजीनियर फेडरेशन के अध्यक्ष भी शामिल हुए.
बैठक में यह तय हुआ कि ऊर्जा प्रबंधन और सरकार द्वारा किसी भी ऊर्जा कार्मिक का प्रताड़ित या उत्पीड़न किया जाता है या उन्हें गिरफ्तार करने की कोशिश की जाती है तो राज्य के सभी ऊर्जा कर्मी जेल भरो आंदोलन करने के लिए बाध्य हो जाएंगे. जिसकी पूरी जिम्मेदारी ऊर्जा प्रबंधन और सरकार की होगी.
जगह-जगह चस्पा किए गए इस अपील में लिखा हुआ है कि “उत्तराखंड विद्युत अधिकारी एवं कर्मचारी संयुक्त मोर्चा द्वारा 26-27 जुलाई 2021 मध्य रात्रि 12:00 बजे से होने वाली हड़ताल के मद्देनजर संयुक्त मोर्चा आपसे निवेदन करता है कि आप सभी लोग अपने अपने स्तर से उचित व्यवस्था करें (जैसे कि मोबाइल फोन की चार्जिंग, टॉर्च इत्यादि की व्यवस्था करना सुनिश्चित करें।
ताकि विद्युत बाधित होने की स्थिति में किसी भी अप्रिय घटना का सामना ना करना पड़े तथा आप सभी सम्मानित जनता से यह भी निवेदन है कि विद्युत अधिकारी कर्मचारी संयुक्त संघर्ष मोर्च हड़ताल नहीं करना चाहता है परंतु मोर्चा अपने उचित एवं पूर्व से मिल रही व्यवस्थाओं के हटाए जाने पर हड़ताल के लिए बाध्य है अतः आपसे सभी से निवेदन है कि टॉर्च एवं कैंडल्स की व्यवस्था करना सुनिश्चित करें।
उत्तराखंड पावर जूनियर इंजीनियर एसोसिएशन के सचिव संदीप शर्मा का कहना है कि प्रदेश के कोने-कोने से कर्मचारी इस धरना प्रदर्शन में शामिल होंगे और ऊर्जा भवन तक जुलूस निकालेंगे। उनका कहना है कि अगर सरकार ने उनकी 14 सूत्रीय मांगों पर जल्द फैसला नहीं किया तो कर्मचारी 27 जुलाई से हड़ताल पर चले जाएंगे।
फिलहाल ऐसे में देखना होगा कि कर्मचारियों की मांग को लेकर सरकार क्या फैसला करती है? अगर कर्मचारी हड़ताल पर जाते हैं तो इससे विद्युत का उत्पादन, सप्लाई और अन्य कामों पर बड़ा असर पड़ सकता है।