ब्यूरो रिपोर्ट: उत्तराखंड में मानसून का दौर लगातार जारी है। उत्तराखंड के पहाड़ी इलाकों में बारिश के चलते भूस्खलन की घटनाएं देखने को मिल रही है। पहाड़ी इलाकों में बारिश के और भूस्खलन के कारण जनजीवन अस्त वस्त हो गया है, तो वही भूस्खलन के चलते कई मार्गों पर आवाजाही बाधित हो गई है। जिसके कारण लोगों को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है, तो भूस्खलन के कारण कई वाहन बीच रास्ते में ही फंस रहे हैं। मानसून में पहाड़ी रास्तों पर सफर बेहद मुश्किल हो गया है।
आपको बता दें कि जगह-जगह पहाड़ टूटकर सड़कों पर गिर रहे हैं। कई जगह भूस्खलन के बाद सड़कों का नामों निशान ही मिट गया। बीते दिन उत्तरकाशी में एक कार पर बोल्डर गिर गया था। चालक की जान बड़ी मुश्किल से बच सकी थी। अब ऐसी ही डराने वाली घटना अल्मोड़ा में हुई है। यहां रानीखेत में अल्मोड़ा, हल्द्वानी हाईवे पर सुयालखेत के पास पहाड़ से बड़े-बड़े बोल्डर सड़कों पर आ गिरे।
आपको बता दें कि जिस वक्त ये घटना हुई, उस वक्त रोड पर वाहनों की आवाजाही हो रही थी। वाहन चालकों की जान बड़ी मुश्किल से बच सकी। बोल्डर गिरने के बाद सड़क पर लंबा जाम लग गया। उस वक्त सड़क पर वाहनों की लंबी कतार देखने को मिली। वाहन चालक घंटों जाम में फंसे रहे। बाद में लोगों ने अपनी जान जोखिम में डालकर सड़क से बोल्डर हटाए, तब कहीं जाकर यातायात सुचारू हो सका।
बारिश शुरू होने के साथ ही हाईवे पर सफर जोखिमभरा बना हुआ है। गुरुवार को सुयालखेत के पास हाईवे से सटी पहाड़ी से एकाएक विशाल बोल्डर गिर गया। यात्री वाहन बोल्डर की चपेट में आने से बाल-बाल बचे। पहाड़ से पत्थर गिरते देख यात्री सकते में आ गए। काफी देर तक रोड पर वाहनों की आवाजाही थमी रही।
लोग प्रशासन की टीम का इंतजार करते रहे, लेकिन जब लोडर मशीन नहीं पहुंची तो आवाजाही कर रहे यात्रियों ने खुद ही जान जोखिम में डाल बोल्डर हटाए। नावली, काकड़ीघाट, दोपाखी और पाडली जैसी जगहों पर भी पहाड़ से पत्थर गिर रहे हैं। रानीखेत-खैरना स्टेट हाईवे से तमाम गांवों को जोड़ने वाले भुजान-रिची मोटर मार्ग पर भी ढाई घंटे तक गाड़ियों की आवाजाही ठप रही। सब्जी और रोजमर्रा की जरूरत से जुड़ा सामान ले जा रहे वाहन फंसे रहे। यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ा।
टूनाकोट, स्यूं, मंडलकोट, कालाखेत, लछीना और मनारी समेत दर्जनभर गांवों को जोड़ने वाले मोटरमार्गों पर भी वाहनों की आवाजाही कई घंटों तक बंद रही। इन दिनों गढ़वाल से लेकर कुमाऊं तक भूस्खलन और पहाड़ से बोल्डर गिरने की घटनाएं लगातार सामने आ रही हैं, जो कि बड़ी घटना की ओर इशारा कर रहे हैं।
बहरहाल आवाजाही करने वालों को सड़क पर चलने से पहले सतर्कता बरतनी आवश्यक है, क्योंकि पहाड़ी क्षेत्रों में लगातार भूस्खलन की घटनाएं सामने आ रही है। ऊंची ऊंची पहाड़ियों से बड़े-बड़े से पहाड़ियों के चट्टान टूट-टूट कर सड़क पर गिर रहे हैं। इतना ही नहीं चट्टानों के टूटने से सड़क का नाम और निशान तक मिट रहा है, तो कहीं आवाजाही करते समय वाहनों के ऊपर बोल्डर गिर रहे हैं।
जिसके कारण वाहन चालक घायल भी हो रहे हैं, तो कई बाल-बाल बच रहे हैं। दरअसल मानसून के दौर में बाहर निकलने से पहले सतर्कता बरतनी आवश्यक है। क्योंकि जो घटनाएं हो रही है यह बड़ी घटना को इशारा कर रही है. वहीं बीते दिनों मसूरी में पुस्ता ढह गया था, जिसके ढह जाने के कारण सड़क आधी धंस गई थी, आवाजाही करने में भी काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा था।